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कॉम्बिफ्लेम और डी-कोल्ड सहित 60 दवाइयों की क्वालिटी पर है सवाल

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सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (Central Drugs Standard Control Organisation-CDSCO) के द्वारा की गयी एक जांच में 60 विभिन्न प्रकार की दवाएं, जिनका इस्तेमाल काफी ज़्यादा किया जाता है, गुणवत्ता मानकों पर फेल हो गयी हैं। बिना डॉक्टर की पर्ची के बिना भी अक्सर केमिस्ट से खरीदी जानेवाली पेनकिलर दवाएं जैसे- कॉम्बिफ्लेम(Combiflam), सर्दी-खांसी की दवा डी कोल्ड(D Cold) , एंटी-एलर्जी दवा सेटिरिज़िन (Cetirizine) और एंटीबायोटिक दवाएं जैसे सिप्रोफ्लॉक्सासिन (Ciprofloxacin), ऑफ्लोज़ैक्सीन( Ofloxacin) और अमोक्सीसिलीन (Amoxicillin) जैसी लोकप्रिय दवाओं को विनियामक प्राधिकरण सीडीएससीओ द्वारा 'कम-गुणवत्तावाली' घोषित किया गया है। ये और 7 आम दवाएं और पेनकिलर आपकी सेक्स लाइफ बर्बाद कर सकती हैं!

रिपोर्ट के अनुसार, व्यापक रूप से इस्तेमाल की जानेवाली पेनकिलर या दर्द  निवारक कॉम्बिफ्लेम और डी कोल्ड को कम दर्ज़े की दवा बताया गया है, क्योंकि वे विघटन परीक्षण या डिसिन्टग्रेशन टेस्ट में फेल हो गयी हैं। इसी तरह, एंटीबायोटिक्स सिप्रोफ्लॉक्सासिन ऑरलॉक्सैसिन और अमोक्सीसिलीन जांच के बाद इसी सूची में शामिल की गयीं। पेट में एसिड कम करने के लिए दी जानेवाली दवा, पेंजा-40 (Panza-40), को भी अपने 'विघटनशाली' गुणों के कारण इसी सूची में स्थान मिला। क्या किसी ने आपको बताया कि लम्बे समय तक ये पेनकिलर लेने से डिप्रेशन हो सकता है!

इन सभी 60 दवाओं के नाम वेबसाइट पर दी गई सूची में शामिल किये गए हैं। साथ ही इन सभी दवाओं का विवरण भी दिया गया है, जिसमें दवाइयों की रचना, उत्पादन और समाप्ति तिथि, निर्माताओं के नाम, सीडीएससीओ की जांच में विफल होने के कारण और क्षेत्रीय कार्यालय (जहां से उनका वितरण होता है), आदि जानकारी भी दी गयी है। क्या भारतीय लोगों को हल्दी की गोलियां खानी चाहिये ?

इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कॉम्बिफ्लेम की निर्माता कम्पनी सनोफी इंडिया ने कहा कि, कॉम्बिफ्लेम की जिन गोलियों की जांच इस प्रक्रिया में की गयी उनका उत्पादन 2015 में हुआ था। इसीलिए इन दवाइयों के विघटन में देर हुई।

जैसा कि ऐसे कई मापदंड हैं जिनपर दवाइओं का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाता है, उनमें एक मापदंड मानव शरीर में टैबलेट की विघटन भी है। सीडीएससीओ द्वारा जांच की रही दवाइयों की बैच का उत्पादन 2015 में हुआ था। हमें जब संस्था की तरफ से आधिकारिक या औपचारिक नोटिस दी जाएगी, तो हम सही कारणों का पता लगाकर इस मामले में उचित कार्रवाई शुरु कर देंगे।

जहां तक कॉम्बिफ्लेम की इस विशिष्ट 2015 बैच की गोलियों की बात है, तो  भले ही इन गोलियों के विघटन में अधिक समय लग रहा था, लेकिन डॉक्टरों और मरीज़ों को आश्वासन दिया जा सकता है कि उत्पाद की सुरक्षा और प्रभावकारिता में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

चूंकि पिछले साल इस मामले की शुरुआत हुई थी। इसीलिए हमने इस समस्या का विश्लेषण किया और उचित रीमेडिअल कदम उठाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर गोलियों का विघटन हो सके।

कॉम्बिफ्लेम भारतीय बाज़ार में 25 से अधिक वर्षों से उपलब्ध है और दर्द से राहत के लिए एक सुरक्षित और प्रभावशाली एनाल्जेसिक के तौर पर इसका उपयोग किया जाता रहा है।

 

Read This in English. अनुवादक-Sadhana Tiwari चित्र स्रोत- Shutterstock


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